सार-साइबरकॉन्ड्रिया शब्द का उपयोग उन व्यक्तियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो हर लक्षणों और संभावित बीमारियों के लिए इंटरनेट पर सर्च करते रहते हैं, जिसको लेकर वो हमेशा चिंतित या डरे हुए रहते हैं । ऑनलाइन सेल्फ- डायग्नोसिस, जिससे न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी अछूते नहीं हैं। किशोर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग मानसिक स्वास्थ को समझने के लिए करने लगे हैं। इन्फ्लुएंसर्स और क्रिएटर्स से खुद को रिलेट करने लगे हैं । डिप्रेशन, ऑटिज्म से लेकर अगोराफोबिया तक, वो मानने लगे हैं कि वो खुद इन बिमारियों से ग्रसित है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।